की जिंदगी अब हमने खुली किताब कर ली है , हा खाता ये हुईं , हमसे हमने "मोहब्बत " तुमसे बेहिसाब कर ली है , ना यक़ीन हो तो जा के देख मेरी बीती जिंदगी में , हमने कितनों की जिंदगी एक ख़्वाब कर दी है , हा ग़लती बस इतनी सी है , हमारी की हमने तुमसे "मोह्हबत " बेहिसाब कर ली है , हा यु तो नासमझ नहीं हु मैं भी , लेकिन तेरे लिए ये ज़िन्दगी नादां कर ली है , अब उन "चाँद , तारों , फूल , झरनों " की तुमसे क्या तुलना दु , साला उन सब से ज्यादा तो "मोह्हबत" तो हमने तुमसे बेहिसाब कर ली है , यू तो जिंदगी के "मायने " छीन लिए है तुमने , क्योंकि अब हमने तो झूठ बोलने वाले " आइनों " से भी "मोह्हबत " बेहिसाब कर ली हैं , हा तुम ही थी एक जिसके आगे , मैंने अपनी जिंदगी एक खुली किताब कर दी है , गलती बस इतनी सी थी , की मोह्हबत मैंने तुमसे बेहिसाब कर ली है ।
समझदारी तो मुझमे कभी आएगी नहीं,जो बाँट सको मेरी नादानियां तो साथ चलो...😍